सर्वनाम
सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ ‘सर्व+नाम’ – ‘सबका नाम’ जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते उन्हें सर्वनाम कहा जाता हैं । भाषा में संज्ञा शब्द की पुनरुक्ति या पुनरावृति दोष से बचने के लिए सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है ।
सर्वनाम शब्द कुल ’11’ होते हैं । मैं,तुम, आप, कुछ, कोई,यह,वह,क्या,कौन, जो,सो इत्यादि सर्वनाम 6 होते हैं –
सर्वनाम शब्द कुल ’11’ होते हैं । मैं,तुम, आप, कुछ, कोई,यह,वह,क्या,कौन, जो,सो इत्यादि सर्वनाम 6 होते हैं –
1.पुरुषवाचक सर्वनाम
2.निश्चयवाचक सर्वनाम
3.अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
5.संबंधवाचक सर्वनाम
6.निजवाचक सर्वनाम
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
जो शब्द पुरुष का बोध कराते हैं उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं पुरुष तीन हैं
(i) उत्तम पुरुष – बात करने वाला अथार्थ वक्ता !जैसे – में, मुझे, मेरा,मेरे,कोई,हम, हमारा, हमारे,हमारी
(ii) मध्यम पुरुष जिससे बात की जाए सामने वाला या श्रोता । जैसे- तुम, तू ,आप, तुझे,तुम्हारा, तुम्हारे ,तुम्हारी, आपकी,
(iii) अन्य पुरुष- जब दो बात करने वाले किसी अन्य तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करें तथा इसके बारे में बात की जाए । जैसे- वह, वे, यह, ये
2.निश्चयवाचक सर्वनाम-
जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित वस्तु स्थान या घटना के बारे में बोध कराते हैं उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे – यह,वह, ये, वे इत्यादि । (i) ये मेरा घर हैं । (ii) ये मेरे जूते हैं (iii) यह मेरी पुस्तक हैं
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम-
जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित वस्तु स्थान या घटना के बारे में बोध नहीं कराते हैं उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं ।
जैसे- (i) कोई आ रहा हैं ।(ii) राम कुछ लिख रहा था ।
4.प्रश्नवाचक सर्वनाम –
जो सर्वनाम शब्द प्रश्न पूछने के काम आते हैं उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहां जाता है जैसे -क्या, कौन, आदि
जैसे – (i) क्या खा रहे हो ? (ii) कौन आया है ?
5.संबंधवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द या संयोजक अव्यय किसी शब्द किसी एक वाक्य उपवाक्य का संबंध किसी अन्य बात या उपवाक्य से बताते हैं उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे – जो, सो, जैसा, वैसा, इत्यादि
(i) जो आया है सो जाएगा ।(ii) जैसा करोंगे वैसा भरेगे ।
6. निजवाचक सर्वनाम-
सर्वनाम शब्द खुद या स्वयं के लिए प्रयुक्त होते हैं उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं । जैसे- आप , स्वयं, अपने आप , खुद ।
(i) मैं अपने आप चली जाऊँगी ।
टिप्पणी – निजवाचक सर्वनाम में आप शब्द का प्रयोग स्वयं के लिए किया जाता है जबकि मध्यम पुरुष में आप शब्द का प्रयोग दूसरे के लिए किया जाता हैं।
जैसे
1. आप दिल्ली जा रहे हैं । (मध्य पुरूष वाचक)
2. सारा काम मैं अपने आप कर लूँगी । ( निजवाचक सर्वनाम )
Thanks
बहुत अच्छा सर
thank you so much sir
thank you sir ji
Thanku sir
Thanks❤
Thanks
हम आपके आभारी हैं। मैं आपके सफल जीवन। की मंगल करता हूं
Very nice
Very well sirThanks sir
thanks
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद , मैं मेरा best देने की कौशिक करूंगा हमेशा
Thanks