Hindi Grammar practice Topic wise test – हिंदी व्याकरण – वाच्य

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                                                               वाच्य

वाच्य – 

      क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि उसका मुख्य विषय क्या है-  कर्ता, कर्म या भाव अथार्थ क्रिया के जिस रूप से उसके कर्ता,कर्म या भाव के अनुसार होने का बोध होता है, उसे वाच्य कहते हैं ।
वाच्य  के तीन भेद हैं 
  1. कर्तृवाच्य 
  2. कर्मवाच्य 
  3. भाववाच्य

1.कर्तृवाच्य –  इस वाक्य में कर्ता प्रधान और कर्म (हो तो) गौण हो तथा क्रिया कर्ता के गुण से प्रभावित हो वहां कर्तृवाच्य होता है । इसमें अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रियाओं का प्रयोग होता है । 
जैसे –

  •     माली दूब काटता है  ।
  •     रीना चित्र बनाती हैं ।|
  •     राम पतंग उड़ा रहा है । 
  •    पक्षी आकाश में उड़ते हैं ।
  •     रोहन पेड़ काटता है ।

कर्मवाच्य   –    जिस वाक्य में ‘कर्म’ प्रधान होता है अथार्थ कर्ता  गौण व क्रिया ‘कर्म’ के वचन,  पुरुष, से प्रभावित होती है,वहां कर्मवाच्य होता है।  कर्मवाच्य में कर्म को ही विषय बनाया जाता है । इसमें सकर्मक क्रिया ही होती है ।कार्यालयी भाषा प्राय: कर्मवाच्य में लिखी जाती है । अधिकार अभिमान और अहम् भाव प्रकट करने के लिए कर्मवाच्य की क्रिया का प्रयोग किया जाता है । 

  • राधा के द्वारा खाना खाया गया |
  • सोहन के द्वारा सिनेमा नहीं देखा जाता |
  •  राकेश के द्वारा  पुस्तक पढ़ी जा रही है । 
  • आपके द्वारा गाना गाया जाए ।
 भाववाच्य – 
        जिस वाक्य की क्रिया का संबंध कर्ता व कर्म से ना होकर भाव से होता है, वहां ‘भाववाच्य’ होता है ।  अनुमति या आदेश प्राप्त करने की स्थिति में इसी का प्रयोग होता है । भाव वाच्य की क्रिया सदा पुल्लिंग, एकवचन तथा अन्य पुरुष में ही रहती है । उस पर कर्ता के लिंग, वचन व पुरुष का कोई असर नहीं पड़ता ।
 जैसे- 

  •   उमेश से हंसा गया ।
  • बच्चों से शांत नहीं रहा जाता । 
  • गर्मियों में लोगों से खूब बनाया जाता है ।
  • सीता से लिखा नहीं जाता । 
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3 thoughts on “Hindi Grammar practice Topic wise test – हिंदी व्याकरण – वाच्य”

  1. दो तीन प्रमाणित किताबो म् से मिक्स मैटर डाला करो भी,ताकि हमे भी सहुलियत हो सकें

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